उत्तराखंड

UKSSSC भर्ती धांधली में अब सचिवालय में तैनात अपर निजी सचिव गिरफ्तार, बेरोजगारों से इतना बड़ा खिलवाड़..

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak Case) मामले में उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF Uttarakhand) की ताबड़तोड़ कार्यवाही जारी है। मामले के जांच की आंच अब उत्तराखंड सचिवालय (Uttarakhand Secretariat) तक पहुंच गई है। एसटीएफ ने सचिवालय में तैनात निजी सचिव गौरव चौहान को गिरफ्तार कर लिया है।

UKSSSC Paper Leak Case: STF Uttarakhand ने अपर निजी सचिव किया गिरफ्तार

एसटीएफ ने आज शाम सचिवालय के लोक निर्माण एवं वन विभाग में कार्यरत अपर निजी सचिव गौरव चौहान को बयान के लिए कार्यालय बुलाया। इसके बयान दर्ज करने के बाद पूछताछ में एसटीएफ के हाथ पुख्ता सबूत लगे। तीन से चार घंटे की पूछताछ के बाद आरोप स्वीकारने पर चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तो और अन्य छात्रों से मिले कई पुख्ता साक्ष्य

वहीं मामले (UKSSSC Paper Leak Case) में पहले से गिरफ्तार अभियुक्तो और अन्य छात्रों से गहन पूछताछ के आधार पर और पुख्ता साक्ष्यों में मनोज जोशी (कोर्ट कर्मचारी) और अभियुक्त तुषार चौहान से परीक्षा प्रश्न पत्र लीक के संबंध में जानकारी ली। पूछताछ में तुषार ने अपने रिश्तेदार गौरव चौहान के भी प्रकरण में शामिल होने की बात कही।

15 – 15 लाख में हुआ था सौदा तय

अभियुक्त द्वारा दो अभ्यर्थियों से 15 – 15 लाख में सौदा तय हुआ था। जिसमे 24 लाख अभियुक्त ने अभ्यर्थी के माध्यम से एग्जाम के रिजल्ट बाद प्राप्त किए गए थे। शेष 6 लाख का भुगतान अन्य को परीक्षा से पहले किया गया था। पूछताछ और उपलब्ध साक्ष्य व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर उपरोक्त गिरफ्तारी की गई। अब तक इस मामले में कुल 15 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

अभ्यर्थियों से की गलती स्वीकारने की अपील

वहीं एसएसपी (एसटीएफ) अजय सिंह ने अपील की है कि, जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग किया है, वो खुद कार्यालय आकर अपने बयान शीघ्र दर्ज कराए। अभी तक कई छात्रों ने अपनी गलती स्वीकार की है।

STF के रडार पर कई अन्य कर्मी और अभ्यर्थी

एसटीएफ उत्तराखंड (STF Uttarakhand) को अनुचित साधनों से क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों की लगातार जानकारी मिल रही है, भविष्य में उनकी गिरफ्तारी होगी।

गौरतलब है कि, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने दिसंबर 2021 में 4 और 5 दिसंबर को ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा आयोजित की थी। जिसमें कुल 916 पदों के लिए तकरीबन 1 लाख 90 हजार लोगों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद डॉक्यूमेंटेशन की कार्रवाई चल रही थी। लेकिन इस बीच एसटीएफ (STF) ने इस परीक्षा में पेपर लीक का खुलासा किया।

इस मामले में अब तक पुलिसकर्मी और कोर्ट कर्मी और सचिवालय कर्मी समेत 15 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं कई लोगों से पूछताछ चल रही है। इसके तार अब नेताओं से भी जुड़ रहे हैं। मामले में अब तक लाखों रुपए भी बरामद हुए हैं। एसटीएफ ने रिटायर्ड एग्जामनर नारायण सिंह को अपने कार्यालय बुलाया था। कुछ सवालों के जवाब से उत्तराखंड एसटीएफ संतुष्ट नहीं है। वहीं जांच के दौरान चौंकाने वाला मामला यह सामने आया कि, पेपर प्रिंटिंग और पैकिंग के दौरान की सीसीटीवी फुटेज आयोग के पास नहीं हैं।

धांधली का आलम यह रहा कि, प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी नकल से पास हो गए। इतना नहीं एक ही क्षेत्र से 80 से ज्यादा अभ्यर्थी पास हुए। वहीं उत्तरकाशी के एक जनप्रतिनिधि का नाम सरकारी नौकरी की गारंटी देने वाले के रूप में सामने आ रहा है।

इधर आयोग ने पेपर लीक कर धांधली में आउटसोर्स कंपनी को गोपनीय जिम्मेदारियों से हटा दिया। वहीं परीक्षा के गोपनीय कार्य लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े। जहां पर STF टीम ने दबिश देकर अभिषेक वर्मा नाम के युवक को गिरफ्तार किया है। इस कंपनी को प्रश्न पत्रों की छपाई से लेकर सीटों की अरेंजमेंट तक का काम दिया गया। एसटीएफ की जांच में कड़ी दर कड़ी आगे बढ़ने पर हर मोड़ पर आयोग की लापरवाही सामने आ रही है।

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