उत्तराखंड: दून अस्पताल डॉक्टर को दिखाने पहुंचे हरदा, गुम हो गई बिजल, कही ये बड़ी बात
देहरादून: दून अस्पताल भले ही मेडिकल कॉलेज बन चुका हो, लेकिन व्यवस्थाएं अब भी पूरी तरह पटरी पर नहीं हैं। अस्पताल में बिजली जाने के पर जनरेटर स्टार्ट होने के लिए इंजार करना पड़ता है। स्वास्थ्य सचिव और डॉ. निधि उनियाल मामले की चर्चाओं के बीच पूर्व सीएम हरीश रावत खुद ही अपनी जांच कराने दून अस्पताल पहुंच गए। इस दौरान अचानक बिजली गुल हो गई। बिजली गुल होने के बाद जनरेटर जल्द स्टार्ट नहीं हुआ तो डॉक्टर ने मोबाइल की लाइट से ही उनकी स्वास्थ्य जांच शुरू कर दी।
हरीश रावत अपने स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए दून अस्पताल पहुंचे थे। जहां अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय ने हरीश रावत का चेकअप किया। चेकअप के बाद उनकी जरूरी जांचें कराई गईं। उनके स्वास्थ्य चेकअप के दौरान अस्पताल की बिजली गुल हो गई।
बिजली गुल होने के करीब 10 मिनट बाद भी जनरेटर स्टार्ट नहीं हो पाया, जिसके चलते मोबाइल की रोशनी में पूर्व सीएम का चेकअप किया गया। उनके स्वास्थ्य की जांच के बाद बिजली आपूर्ति बहाल हो पाई। इसे लेकर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत ने मातहतों को व्यवस्था सुधारने के लिए निर्देशित भी किया।
छोटी सी बात पर डॉक्टर के तबादले को लेहर हरीश रावत ने कहा कि वो इस बात से हैरान हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि छोटी सी बात पर डॉक्टर से विवाद और उसके बाद तबादले के आदेश आश्चर्यचकित करने वाले हैं। डॉक्टर का पेशा बेहद संवेदनशील होता है। हमें उनका सम्मान करना चाहिए। डॉक्टर से विवाद और फिर छोटी सी बात पर तबादला करना ठीक नहीं है। इससे जनता में अच्छा संदेश नहीं गया है।
उन्होंने कहा कि इसका समाधान निकाला जाना चाहिए था। पहले तो डॉक्टर को किस प्रोटोकॉल के तहत सचिव की पत्नी का स्वास्थ्य जांचने के लिए उनके घर भेजा गया। रावत ने कहा कि वह खुद मुख्यमंत्री रहते भी डॉक्टरों को कम से कम बुलाते थे। यही नहीं कई बार वह खुद स्वास्थ्य जांच कराने मुख्यमंत्री रहते हुए भी अस्पताल पहुंचते थे।
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