Friday, December 13, 2024
Latest:
उत्तराखण्ड

स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण को गैप एनालिसिस पर हुआ महामंथन, मंत्री डॉ. रावत की अध्यक्षता में कई बिन्दुओं पर बनी सहमति

  • उच्च स्तरीय बैठक में वित्त व कार्मिक विभाग के अधिकारी भी रहे मौजूद

देहरादून: प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधारीकरण को लेकर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के उपरांत जरूरी मांगों पर कार्मिक व वित्त विभाग ने भी अपनी सहमति व्यक्त की। जिसके तहत राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं राजकीय चिकित्सालयों के गैप एनालिसिस में उजागर कामियों को दूर किया जायेगा। जिसमें मेडिकल फैकल्टी के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती, कुशल पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टॉफ की तैनाती भी शामिल है। साथ ही आवश्यकतानुसार आउटसोर्स के पदों के सृजन पर भी सहमति जताई गई है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई। जिसमें दोनों विभागों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधारीकरण को लेकर किये गये गैप एनालिसिस का पॉवर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया गया। जिसमें मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों के समयबद्ध पदोन्नति एवं स्थानांतरण की नीति बनाये जाने, सुपर स्पेशिलिस्ट चिकित्सकों को एम्स के बराबर वेतनमान दिये जाने, एसआर व जेआर के मानदेय में बढ़ोत्तरी किये जाने, पर्याप्त आवास एवं सुसज्जित ट्रॉजिट हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग रखी गई। साथ ही सभी पीजी छात्रों के लिये नई बॉण्ड पॉलिसी के तहत पीजी के उपरांत प्रदेश में दो साल की अनिवार्य सेवा की मांग रखी गई है। राजकीय मेडिकल कॉलेजों के सफल संचालन के लिये कुशल पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती, नर्सिंग व पैरामेडिकल छात्रों के लिये वजीफे की व्यवस्था तथा आउटसोर्स के माध्यम से आवश्यकतानुसार पदों का सृजन एवं कार्मिकों के क्षमता निर्माण हेतु नीति बनाये जाने की बात रखी गई। इसके अलावा राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिये वित्तीय सहायता की मांग की गई ताकि संबंधित कार्मिकों को महंगे उपकरणों की हैण्डलिंग, कीटाणुशोधन एवं प्रबंधन के प्रशिक्षण हेतु राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में भेजा जा सके।

इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत विशेषज्ञ संवर्ग का गठन करते हुये चिकित्सा शिक्षा विभाग की तर्ज पर पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिये वेतनमान का 50 फीसदी विशेष भत्ता स्वीकृत किये जाने तथा सभी चिकित्साधिकारियों को वाहन भत्ता दिये जाने की मांग रखी गई। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में 60 वर्ष की आयु के उपरांत मुख्य परामर्शदाता के रूप में अपनी सेवाएं देने वाले विशेषज्ञ चिकित्सकों का वेतनमान निर्धारित किये जाने की भी पुरजोर मांग की गई। बैठक में स्पेशल डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन (एसडीएसीपी) योजना के लाभ से वंचित चिकित्सकों को शिथिलीकरण दिये जाने की भी मांग रखी गई।

बैठक में अपर मुख्य सचिव कार्मिक व वित्त आनंद वर्द्धन, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चैयरमैन अरविंद सिंह ह्यांकि, सचिव स्वास्थ्य आर. राजेश कुमार, सीईओ एसएचए व अपर सचिव स्वास्थ्य आनंद श्रीवास्तव, अपर सचिव स्वास्थ्य स्वाति भदौरिया, अनुराधा पाल, नाममि बंसल, अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद, अमिता जोशी, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. तारा आर्य, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, दून मेडिकल कॉलेज डॉ. गीता जैन, प्राचार्य श्रीनगर मेडिकल कॉलेज प्रो. सीएमएस रावत, प्राचार्य हरिद्वार मेडिकल कॉलेज प्रो. रंगील सिंह रैना, निदेशक स्वास्थ्य डा. सुनीता टम्टा, अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर.एस. बिष्ट सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

आज सचिवालय में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें दोनों विभागों ने गैप एनालिसिस पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया। विस्तृत चर्चा के उपरांत स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के सुदृढ़ीकरण को लेकर कई बिन्दुओं पर वित्त व कार्मिक विभाग की सहमति के साथ ही अहम निर्णय लिये गये। जिनके शीघ्र क्रियान्वयन के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया गया। – डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!