बड़ी खबर: बिहार में नितीश कुमार ने कर दिया खेला, क्या तेजस्वी होंगे अगले CM!
बिहार: बिहार में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो गया है। ऐसा उलटफेर, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। सियासी जगत से लेकर आम लोगों के बीच बस यही चर्चा है कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में कौन बिहार की कमान संभालेगा। इन सब के बीच अब जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एक ट्वीट कर सियासी अटकलें बढ़ा दी हैं। उनसे पहले लालू प्रसाद की बेटी ने भी एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि राजतिलक की करो तैयारी…आ रहे हैं लालटेनधारी। इनसे यही बात साफ हो रही है कि बिहार में तेजस्वी कमान संभाल सकते हैं।
बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जदयू का गठबंधन टूटने के बाद से अब अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है। सियासी जगत से लेकर आम लोगों के बीच बस यही चर्चा है कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में कौन बिहार की कमान संभालेगा। इन सब के बीच अब जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एक ट्वीट कर सियासी अटकलें बढ़ा दी हैं। दरअसल, कुशवाहा के ट्वीट से लग रहा है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे यानी कि बिहार के मुख्यमंत्री का पदभार तेजस्वी यादव संभालेंगे।
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई ने राजद सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को समर्थन देने का एलान किया है। विभागों के आवंटन पर कोई मतभेद नहीं होगा। तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके पास 160 की ताकत है। अगर भाजपा अस्थिरता पैदा करने की कोशिश करती है या राष्ट्रपति शासन लागू करने की कोशिश करती है, तो हम उन्हें करारा जवाब देंगे।
बिहार में बड़ा राजनीतिक उलटफेर लगभग तय…! बस ऐलान बाकी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेडीयू की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा अपमानित करने का काम किया है। जेडीयू को षडयंत्र के तहत खत्म करने की कोशिश की गई। बिहार की राजनीति में बड़े उलटफेर की खबर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिहार में भाजपा और जेडीयू का गठबंधन टूट गया है। हालांकि अभी आधिकारिक एलान अभी बाकी है। वहीं, नीतीश कुमार चार बजे राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करेंगे।
बिहार विधानसभा में सीटों की कुल संख्या 243 है। यहां बहुमत साबित करने के लिए किसी भी पार्टी को 122 सीटों की जरूरत है। वर्तमान आंकड़ों को देखें तो बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद है। उसके पास विधानसभा में 79 सदस्य हैं। वहीं, भाजपा के पास 77, जदयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, कम्यूनिस्ट पार्टी के पास 12, एआईएमआईएम के पास 01, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के पास 04 सदस्य हैं। इसके अलावा अन्य विधायक हैं।
कैसे बन रहे हैं नए समीकरण?
वर्तमान में जदयू के पास 45 विधायक हैं। उसे सरकार बनाने के लिए 77 विधायकों की जरूरत है। पिछले दिनों राजद और जदयू के बीच नजदीकी भी बढ़ी हैं। ऐसे में अगर दोनों साथ आते हैं तो राजद के 79 विधायक मिलाकर इस गठबंधन के पास 124 सदस्य हो जाएंगे, जो बहुमत से ज्यादा हैं। इसके अलावा खबर है कि इस गठबंधन में कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी भी शामिल हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के 19 और कम्यूनिस्ट पार्टी के 12 अन्य विधायकों को मिलाकर गठबंधन के पास बहुमत से कहीं ऊपर 155 विधायक होंगे। इसके अलावा जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के चार अन्य विधायकों का भी उन्हें साथ मिल सकता है।