Friday, December 13, 2024
Latest:
उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: ट्रांसफर पर बीमार, रिटारमेंट को नहीं तैयार, अब नहीं पाएंगे गुरुजी!

देहरादून: गुरुजी..। स्कूलों में पढ़ाई का पूरा जिम्मा उन्हीं के कंधों पर है। यहां तक तो ठीक है, लेकिन इससे इतर भी एक कहानी है, जो सभी पर तो नहीं, पर कई शिक्षकों की जरूर सही बैठती है। शिक्षा विभाग में सभी जानते हैं कि ट्रांसफर का बहुत बड़ा खेल है। इस बड़े खेल में गुरुजी भी पीछे नहीं है। बल्कि, इसके माहिर खिलाड़ी हैं। शिक्षा विभाग ने खुद इसका खुलासा किया है।

कई शिक्ष ऐसे हैं, जिनको सालों एक ही स्कूल में हो गया है, लेकिन वो उस स्कूल से ट्रांसफर के लिए राजी नहीं हैं। कुछ बेचारे ऐसे हैं, जिन्होंने ट्रांसफर के लिए पूरा जोर लगा रखा है। अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट-काटकर परेशान हैं। जुगाड़ भी काम नहीं कर रह हैं। नियम पहले ही दम तोड़ चुके हैं। अपनी सुविधा के स्कूलों से ट्रांसफर की बारी आते ही गुरुजी तुरंत बीमार हो जाते हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जो लंबी छुट्टी चले जाते हैं। सवाल यह भी है कि आखिर इन शिक्षकों को गंभीर बीमार का प्रमाण पत्र कहा से मिलता है?

उत्तराखंड : बोर्ड परीक्षाओं में बड़ा बदलाव, फेल होने के बाद भी मिलेगा पास होने का मौका

हर साल अनिवार्य तबादलों की बारी आते ही इनमें से बड़ी संख्या में शिक्षक बीमार हो जाते हैं, जबकि कुछ लंबी अवधि के लिए छुट्टी पर चले जाते हैं। गंभीर बीमार शिक्षकों की वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार ने इन शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का निर्णय लिया है। शिक्षा महानिदेशालय ने नौ दिसंबर तक इन शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन हैरानी की बात यह है कि विभाग को बीमार शिक्षक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। शिक्षा विभाग में गंभीर बीमार और लंबी अवधि से छुट्टी पर गए शिक्षकों की वजह से बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। यही वजह है कि सरकार की ओर से इस तरह के शिक्षकों के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति का फार्मूला तैयार किया गया।

RTI : जवाब देने के लिए मांगे 14 लाख, सूचना ऐसी जो पढ़ ही न पायें

तय किया गया है कि विभाग में जिन शिक्षकों की 20 साल से अधिक की सेवा हो चुकी है और जो शिक्षक अक्सर बीमार रहते हैं, हर जिले में इस तरह के शिक्षकों को चिह्नित किया जाएगा। चिह्नित किए जाने के बाद इन शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेजा जाएगा। इन शिक्षकों के स्थान पर जहां नए शिक्षकों की नियुक्ति से बेरोजगारों को नौकरी मिलेगी, वहीं स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई सुचारु रहेगी, जबकि अनिवार्य सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को भी सेवानिवृत्ति का पूरा लाभ मिलेगा, लेकिन हैरानी की बात यह है कि विभाग को जिलों में इस तरह के शिक्षक नहीं मिल रहे हैं।

शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा है कि सहायक अध्यापक एलटी के मामलों को अपर निदेशक गढ़वाल, कुमाऊं और लेक्चरर मामले अपर निदेशक मुख्यालय देखते हैं। जो जिसका नियुक्ति अधिकारी है, वही इसको देखता है। वहीं, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी का कहना है कि हमने जिलों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है, लेकिन जिलों से सूचना नहीं आई। अब फिर कहा गया है कि सूचना एकत्र कर दी जाए।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!