UKSSSC भर्ती कांड में पूर्व सीएम के सलाहकार की गिरफ्तारी के बाद धामी का बड़ा बयान, केदार बाबा की ली सौगंध
UKSSSC Paper Leak: उत्तराखंड में भर्ती धांधली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, मैंने बाबा केदार की सौगंध ली है कि, नकल माफिया और भर्ती घोटाले करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। अंतिम आरोपित के पकड़े जाने तक हमारी कार्रवाई जारी रहेगी।
जनपद प्रवास कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज शनिवार को रुद्रप्रयाग पहुंचे। यहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन 2014-15 में हुआ और तब से लेकर अभी तक तमाम भर्तियों में घोटाले के मामले सामने आए हैं। लेकिन इन मामलों पर जांच नहीं होती थी।
सीएम धामी ने कहा कि, भर्तियों में तमाम घोटाले नासूर बन रहा थे, इससे हमारा उत्तराखंड बर्बाद हो रहा था। होनहार छात्र अपनी शिक्षा के बल पर आगे बढ़ना चाहता है। इन होनहार छात्रों का रास्ता रोकने का कार्य नकल माफिया ने किया है। इसलिए हमने नकल माफिया और भर्ती घोटाले करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। भर्ती घोटाले में अब तक करीब 45 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जब तक अंतिम आरोपी नहीं पकड़ा जाएगा, तब तक यह चलता रहेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, भर्ती घोटालों की जांच के साथ ही अन्य भर्तियां भी तय सीमा में करवाई जा रही हैं, जिससे हमारे युवाओं का रोजगार प्रभावित ना हो। इसी के तहत हमने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा की जाने वाली 7,000 भर्तियों को मंत्री मंडल में फैसला कर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) को ट्रांसफर किया। जिनका लोक सेवा आयोग ने परीक्षा कैलेंडर भी जारी कर दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, इस मामले में दोषियों पर इतनी सख्त कार्यवाही की जाएगी कि, आगे भविष्य में कोई भी इस तरह के कृत्य सोचने से भी डरे। उन्होंने कहा कि योग्य और क्षमता वाले मेहनती युवाओं के साथ अन्याय नहीं होगा।
गौरतलब है कि, UKSSSC द्वारा 2016 में कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा धांधली की जांच मामले में आज पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सलाहकार और UKSSSC के तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह भर्ती परीक्षा प्रकरण में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।