उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: कैबिनेट मंत्री का आदेश नहीं मानते DM और SP, दुराचार पीड़िता दलित लड़की के परिवार को नहीं मिली सुरक्षा

 देहरादून: उत्तराखंड सरकार और पुलिस के आला अधिकारी कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के दावे कर रहे हैं। लेकिन, ये दावे पूरी तरह से फेल साबित हो चुके हैं। CM धामी से लेकर अपर सचिव राधा रतूड़ी तक जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को कानून व्यवस्था चाक-चौबंद करने के निर्देश दे चुके हैं।

बावजूद, पुलिस ना तो CM के आदेश मान रही है और ना अधिकारी और ना ही किसी दूसरे मंत्री के आदेशों के का पालन कर रही है। ऐसा ही एक मामला उत्तरकाशी जिले में भी सामने आया है, जहां मंत्री के निर्देश के बाद भी दुराचार की पीड़िता दलित लड़की और उसके परिवार को अब तक सुरक्षा नहीं मिल पाई है।

4 सितंबर 2022 को उत्तरकाशी में एक नाबालिग दलित लड़की के साथ दुराचार की घटना हुई, जिसकी रिपोर्ट पीड़िता की मां ने 5 सितंबर 2022 को पटवारी जुणगा के समक्ष दर्ज कराई थी। मामला अब सिविल पुलिस को हस्तांतरित हो गया है।

इस मामले में समाज कल्याण मंत्री चंदन रामदास उत्तरकाशी जिलाधिकारी और SP को 26 सितंबर को पत्र भेज कर पीड़िता और उसके परिवार को सामाजिक/ आर्थिक सहायता-सुरक्षा देने को कहा गया था।

लेकिन, अब तक पीड़ित लड़की और उसके परिवार को अब तक किसी तरह की सुरक्षा नहीं दी गई है। पीड़ित लड़की और उसका परिवार भयभीत है। वे इस आशंका से ग्रसित हैं कि पुनः उनके साथ किसी तरह की घटना न हो। इसके चलते पीड़ित लड़की स्कूल जाने से भी डर रही है और उसकी पढ़ाई बाधित हो रही है।

भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी ने DGP को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि घटना के एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद पीड़ित लड़की स्कूल नहीं जा पा रही है। क्यूंकि स्कूल जाने के रास्ते में ही आरोपी का घर और एक गदेरा पड़ता है। आरोपी भले ही जेल में है। लेकिन, फिर भी युवती का भयभीत होना लाज़मी है।

यह हैरत की बात है कि उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखे हुए पंद्रह दिन से अधिक बीत गए हैं, लेकिन अब भी पीड़ित लड़की और उसके परिवार की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

बलात्कार पीड़ित दलित लड़की के मामले में यदि उत्तरकाशी का प्रशासन, राज्य के  कैबिनेट मंत्री की भी नहीं सुन रहा है तो फिर वह किसकी सुनेगा? पीड़ित यदि कमजोर और वंचित तबके से होंगे तो प्रशासन को उनकी सुनवाई नहीं करनी है, क्या राज्य सरकार के ऐसे निर्देश हैं?

कैबिनेट मंत्री के पत्र की यदि उत्तरकाशी का जिला प्रशासन अनदेखी कर पा रहा है तो क्या कैबिनेट मंत्री के ऊपर के स्तर से इस बात की शह मिली हुई है ? कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि दुराचार की शिकार हुई दलित लड़की के मामले में उत्तरकाशी प्रशासन का यह रुख बेहद खेदजनक है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!