उत्तराखण्ड

UKSSSC भर्ती घोटाले मामले में STF की प्रभावी पैरवी, आयोग के अधिकारियों की जमानत खारिज

UKSSSC Recruitment Scam: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा घोटाले में दो पूर्व अधिकारियों की जमानत याचिका खारिज हुई है।पुलिस की तफ्तीश के आधार पर अभियोजन की दलीलों को सही पाते हुए स्पेशल विजिलेंस कोर्ट के जज चंद्रमणि राय ने दोनों आरोपियों की जमानत नामंजूर कर किया। 2016 में हुई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) की इस भर्ती धांधली में विजिलेंस ने जनवरी 2020 में मुकदमा दर्ज किया था। हाल में इसकी जांच एसटीएफ के पास है।

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जमानत याचिका खारिज होने वाले अधिकारियों मेंआयोग के पूर्व अध्यक्ष रघुवीर सिंह रावत और सचिव मनोहर सिंह कन्याल शामिल हैं। दोनों ने ही जमानत के लिए विजिलेंस कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।आरोपियों की ओर से तर्क दिया गया था कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। लेकिन, विजिलेंस कोर्ट में एसटीएफ की पैरवी के चलते इनकी जमानत को कोर्ट ने निरस्त किया।

बता दें कि, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (VPDO – 2016) भर्ती परीक्षा वर्ष 2016 में हुई धाधंली के संबंध में सर्तकता अधिष्ठान सैक्टर देहरादून में पंजीकृत मु0अ0सं0 संख्या-1/2020 धारा 420, 465, 467, 468, 471, 409, 201, 120 बी, भा0द0वि एवं धारा 13(1)डी सपठित धारा 13(2) भ्र0नि0अधि0 जिसकी विवेचना उत्तराखण्ड शासन के आदेश से वर्तमान में एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा की जा रही है।

इस अभियोग में SSP एसटीएफ़ के निर्देशन में एसटीएफ द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये उत्तराखण्ड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के तत्कालीन अध्यक्ष डा0 रघुवीर सिंह रावत, तत्कालीन सचिव डा0 मनोहर सिंह कन्याल सहित 12 अभियुक्तो की गिरफ्तारी की गयी है।

मामले में अभियुक्त डा0 रघुवीर सिंह रावत, डा0 मनोहर सिंह कन्याल द्वारा अपनी जमानत हेतु न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसमें आज 07 अक्टूबर को विशेष न्यायाधीश सतर्कता/अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय देहरादून के न्यायालय में सुनवाई हुई। अभियुक्तो द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्रो के विरोध में एसटीएफ देहरादून द्वारा न्यायालय के समक्ष अभियुक्तगणो के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य व प्रभावी पैरवी की गयी। न्यायालय द्वारा अभियुक्तो की जमानत निरस्त की गयी है।

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