Sunday, April 20, 2025
Latest:
उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: “अग्निपथ” के विरोध में युवाओं का सचिवालय कूच, हाथों में तिरंगा, होठों पर भारत माता के जयकारे


उत्तराखंड: “अग्निपथ” के विरोध में युवाओं का सचिवालय कूच, हाथों में तिरंगा, होठों पर भारत माता के जयकारे





                           
                       

देहरादून: अग्निपथ योजना का ऐलान होने के साथ ही इसका विरोध भी शुरू हो गया था। देश के कई राज्यों में प्रदर्शन भी हुआ। कई शहरों में आगजनी की घटनाएं भी सामने आई, लेकिन उत्तराखंड के युवाओं के शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध दर्ज कराया। युवाओं ने आ भी सचिवालय कूच किया। इस दौरान युवा तिरंगा लहराते हुए भारत माता की जय के नारे लगाते दिखे। पुलिस ने युवाओं चिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया, जिसके बाद युवा वहीं धरने पर बैठ गए।

सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवा लगातार अग्निपथ योजना वापस लेने की मांग कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि इस योजना से उन्हें नुकसान है। कई युवा सालों से सेना भर्ती की तैयारी रहे हैं। चार साल की नौकरी में उन्हें कोई फायदा नहीं है। कुछ युवाओं का कहना है कि दो वर्ष पूर्व उन्होंने शारीरिक दक्षता और मेडिकल टेस्ट पास किया था। उसकी लिखित परीक्षा होनी थी। पर अभी तक नहीं हुई है।

अग्निपथ योजना रोजगार नहीं युवाओं को बहला-फुसलाकर बेरोजगार करने की स्कीम है। अगर सरकार रोजगार देना चाहती है तो सेना में तमाम खाली पड़े पदों को स्थाई तौर पर भरा जाए। युवाओं ने अग्निपथ योजना को वापस लेने और पूर्व में हुई भर्ती प्रक्रिया की लिखित परीक्षा कराने की मांग की है। उनको कहना है कि देवभूमि को वीर भूमि भी कहा जाता है और यहां का हर युवा देशसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहता है, लेकिन केंद्र सरकार के सशस्त्र बलों में टूर आफ ड्यूटी को लागू करने से प्रदेश के युवाओं को भारी आघात पहुंचा है।

युवाओं में सरकार की इस योजना को लेकर भारी आक्रोेष है। कई युवा ऐसे हैं, जिनकी शारीरिक दक्षता और मेडिकल क्लियर हो चुका है। युवा लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे थे पर भर्ती प्रक्रिया रद कर दी गई है। प्रदेश के अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य को लेकर अब अधिक चिंताएं है। मुखमंत्री खुद सैन्य परिवार से आते हैं। इसलिए आशा है कि वह युवाओं की चिंता को बेहतर समझेंगे।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!