उत्तराखंड: चारधाम में आधे से भी कम हो गए यात्री, ये नियम भी बदला
देहरादून: जैसे ही पहाड़ पर बारिश का सिलसिला शुरू हुआ और स्कूल खुलने की तारीख नजदीक आई, चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी उतनी ही तेजी से कम हुई है। स्थिति यह है कि तीर्थयात्री अब रजिस्ट्रशन करने में भी खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। यात्रियों की संख्या में 50 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आ गई है।
यात्रियों की संख्या कम होने के साथ ही अब सरकार ने भी यात्रियों को राहत देने का फैसला किया है। ऑनलाइन पंजीकण अब अनिवार्य नहीं रह गया है। अगर कोई यात्रा पर आना चाहते हैं, तो वो बगैर रजिस्ट्रेशन के भी आ सकते हैं। बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस बार चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई थी।
चारधाम यात्रा पर मई के मुकाबले अब करीब 50 फीसदी ही यात्री आ रहे हैं। ऋषिकेश में पंजीकरण काउंटर पर सात हजार तीर्थ यात्रियों के स्लॉट पर मात्र तीन हजार यात्रियों का पंजीकरण हो रहा है। यात्रा के पीक समय में बदरीनाथ, केदारनाथ में जहां 18 से 20 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे थे, अब ये संख्या सात से दस हजार रह गई है।
बदरीनाथ धाम में पांच से दस जून के बीच हर दिन 18 से 20 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे थे, जबकि यात्रा के लिए हर दिन 20 से 22 हजार पंजीकरण केवल बदरीनाथ की यात्रा के लिए हो रहे थे। अब यहां यहां हर दिन सात से दस हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। रजिस्ट्रेशन भी 12 से 15 हजार के बीच ही हो रहे हैं।
केदारनाथ धाम में यात्रा के शुरूआती दिनों में 20 से 22 हजार तक श्रद्धालु पहुंच रहे थे। यह संख्या अब आठ से नौ हजार रह गई है। केदारनाथ धाम के लिए जहां पहले प्रतिदिन 35 हजार तक रजिस्ट्रेशन हो रहे थे। वहीं, अब 12 हजार पंजीकरण ही हो रहे हैं। गंगोत्री धाम में भी दर्शन के लिए पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 12 हजार से घटकर छह हजार तक पहुंच गई है। यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण और यात्रियों की संख्या भी आधे से कम रह गई है।