Friday, August 1, 2025
Latest:
उत्तराखण्ड

सूबे के 550 सरकारी स्कूलों को गोद लेंगे उद्योगपतिः डॉ. धन सिंह रावत

  • आगामी 30 जुलाई को राज्यपाल व सीएम की मौजूदगी में होगा एमओयू
  • सीएसआर फंड से संसाधन सम्पन्न होंगे दूरस्थ क्षेत्र के राजकीय विद्यालय

राज्य के करीब 550 राजकीय विद्यालयों को कॉरपोरेट समूह गोद लेकर उन्हें साधन सम्पन्न बनायेंगे। इसके लिये राज्य सरकार ने उत्तराखंड के विभिन्न उद्योग समूहों से वार्ता कर पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। आगामी 30 जुलाई को उत्तराखंड राजभवन में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में राज्य के 550 से अधिक उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है। जहां पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कॉरपोरेट समूहों व शिक्षा विभाग के मध्य राज्य के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों को गोद लेने को लेकर एमओयू हस्ताक्षरित किये जायेंगे।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि राज्य सरकार शिक्षा के आधुनिकीकरण एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण देने के लिये उद्योग जगत के साथ मिलकर एक नई पहल शुरू करने जा रही है। जिसके तहत सूबे के करीब 550 राजकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों को कॉरपोरेट समूह से जोड़ा जा रहा है। इनमें से अधिकतर विद्यालय पर्वतीय क्षेत्र के शामिल किये गये हैं, ताकि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच अवस्थित इन विद्यालयों में सीएसआर फण्ड से अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ मॉडल क्लास रूम, कम्प्यूटर लैब, साइंस लैब, पुस्तकालय, फर्नीचर, शौचालय, खेल सामग्री, खेल मैदान व चाहरदीवारी आदि सुविधाओं से सुसज्जित किया जा सके।

राज्य सरकार ने सूबे के करीब 550 उद्योगपतियों से सम्पर्क कर इस संबंध में सैद्धांतिक सहमति बना ली है। जिसके क्रम में आगामी 30 जुलाई को उत्तराखंड राजभवन में राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह की अध्यक्षता एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की गरिमामय उपस्थिति में उद्योग समूहों के साथ एक वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सूबे के विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रदेशभर के उद्योग समूहों के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड के माध्यम से सूबे के विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं के साथ एक नई पहचान दिलाना है। इस पहल के तहत प्रत्येक उद्योग समूह एक प्राथमिक व एक माध्यमिक विद्यालय को गोद लेकर उनमें सभी आधारभूत एंव आधुनिक सुविधाएं मुहैया करायेंगे। ताकि पर्वतीय क्षेत्रों के दुर्गम विद्यालयों में अध्ययरत प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के छात्र-छात्राओं को आज की आवश्यकताओं एवं नई शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों के अनुरूप बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराया जा सके। डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में करीब 559 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। ऐसे विद्यालयों को उद्योग समूहों से जोड़ने के उपरांत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप और बेहतर ढंग से संचालित किया जा सकेगा।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!