राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर पीआरएसआई ने ‘जनसंपर्क में टेक्नोलॉजी की भूमिका’ विषय पर किया वेबिनार आयोजित
- टेक्नोलॉजी व्यक्ति और समाज के बीच संचार को सुगम बनाती है – डॉ. उनियाल
- प्रभावी जनसंपर्क के लिए टेक्नोलॉजी के नए तरीकों की जानकारी जरूरी – तोमर
देहरादून : पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया के देहरादून चैप्टर द्वारा शनिवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर जनसंपर्क में टेक्नोलॉजी की भूमिका विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। यूकॉस्ट में संयुक्त निदेशक (साइंस एंड टेक्नोलॉजी) देवी प्रसाद उनियाल ने कहा कि पब्लिक रिलेशन में टेक्नोलॉजी का महत्व विशेष है क्योंकि यह व्यक्ति और समाज के बीच संचार को सुगम और तेज़ बनाता है। इसके माध्यम से हम विभिन्न क्षेत्रों में जानकारी, विचार और अनुभव साझा कर सकते हैं, जो सामाजिक संबंधों को मजबूत करता है। साइंटिफिक एप्रोच को बढ़ावा देने में स्कूल और कॉलेज महत्वपूर्ण हैं। बच्चों के बीच कम्युनिकेशन पर चर्चा की जाए। श्री उनियाल ने कहा कि लोगों को स्वस्थ दिनचर्या और नियमित व्यायाम के प्रति भी जागरूक करना बहुत जरूरी है। सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म का उपयोग कर ये संदेश दूर दूर तक दिया जा सकता है।
तकनीकी विशेषज्ञ आईटीडीए आलोक तोमर ने कहा कि टेक्नोलॉजी बहुत ही विस्तृत क्षेत्र है। पूरी दुनिया टेक्नोलोजी के माध्यम से आपस में जुड़ी है। आज के जमाने में विभिन्न योजनाओं और सूचनाओं की जानकारी आमजन तक तुरंत पहुंचाई जा सकती है। बिना टेक्नोलॉजी के जनसंपर्क के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग सूचनाएं साझा करने में किया जा सकता है। विस्तार से जानकारी देते हुए श्री तोमर ने कहा कि डिजिटल मार्केटिंग, एसईओ, यूट्यूब, डाटा एनालिस्ट टेक्नोलॉजी, पॉडकास्ट, इंटरनेट रेडियो आदि का उपयोग लाभदायी हो सकता है। आजकल डाटा संग्रह करने के लिए क्लाउड कम्प्यूटिंग की जाती है। रोबोटिक प्रोसेस इनफॉर्मेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, वर्चुअल रियलिटी इन सभी का अच्छा उपयोग पब्लिक रिलेशन में किया जा सकता है। सोशल लिसनिंग, ऑनलाइन सर्वे टूल्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स भी महत्वपूर्ण हैं। तकनीकी विशेषज्ञ आईटीडीए आलोक तोमर ने कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग न हो, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। आपका डाटा सुरक्षित रहे इसके लिए डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन लॉ बनाया गया है।
नीरज पांडे ने कहा कि सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चाएं आयोजित कर इनमें निकल कर आने वाली बातों को संचार तकनीक के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना चाहिए। संजय भार्गव ने कहा कि फेक न्यूज और गलत सूचनाओं के प्रति भी लोगों को सचेत करना जरूरी है। संजय पांडे ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों की गुड प्रैक्टिस को भी आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर प्रसारित किया जाए। ज्योति नेगी ने कहा कि जनसंपर्क में टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए तमाम विभाग और संगठनों में रणनीतिक साझेदारी हो। इसमें पीआरएसआई सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। महिला सहभागिता को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
वेबीनार का संचालन पीआरएसआई के सचिव अनिल सती ने किया जबकि कोषाध्यक्ष सुरेश भट्ट ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबीनार में पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि बिजारनिया, संयुक्त सचिव राकेश डोभाल, नवीन कंडारी, संजय पांडेय, दीपक शर्मा, जितेंद्र सिन्हा, वैभव गोयल, अमित धस्माना, पुष्कर नेगी, मनोज सती, आकाश, प्रियांक, अनिल दत्त, डॉ आशा बाला असवाल, पवन डबराल, प्रताप बिष्ट, पूरन कापड़ी, सुशील सती आदि उपस्थित थे। गौरतलब है कि 11 मई 1999 को पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण की याद में प्रतिवर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है।