उत्तराखण्ड

महिला आरक्षण पर सरकार जायेगी सुप्रीमकोर्ट, अध्यादेश की भी तैयारी; विस भर्ती रद्द का प्रस्ताव भी स्वीकृत

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भर्तियो को निरस्त करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। अनियमित तरीके से की गई भर्तियों को निरस्त करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, खुद उन्होंने भर्ती निरस्त करने का अनुरोध किया था।

वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला आरक्षण को यथावत रखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर करने की स्वीकृति दी है। साथ ही मुख्यमंत्री ने महिला आरक्षण बनाए रखने के लिये अध्याधेश की तैयारी के भी निर्देश दिये हैं।

बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय के बाद प्रदेश में महिलाओं के 30% क्षैतिज आरक्षण पर रोक लगी हुई है। राज्य में विभिन्न भर्तियों से लेकर दाखिलों में महिलाओं को मिलने वाले लाभ पर इसका सीधा असर पड़ रहा है।

18 जुलाई 2001 को सरकार ने एक शासनादेश जारी करते हुए महिलाओं को 20 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। इसके बाद 24 जुलाई 2006 को इस शासनादेश को संशोधित करते हुए आरक्षण बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया। इसके साथ ही यह शर्त भी जोड़ दी गई कि, आरक्षण का लाभ केवल उत्तराखंड की महिलाओं को मिलेगा। इस पर बीती 24 अगस्त को हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिस पर धामी सरकार एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर करके सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने जा रही है।

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