Thursday, December 12, 2024
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उत्तराखण्ड

पीएम सौर घर योजना में लोगों की बढ़ रही दिलचस्पी, पौड़ी में 177 सोलर टॉप सोलर पावर प्लांट स्थापित

  • अगले साल तक 13 मेगावाट तक पहुंच जाएगा विद्युत उत्पादन

पौड़ी : जनपद में प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत अपनी घरों की छत में रुफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाने में लोग दिलचस्पी ले रहे हैं। जिले में अब तक 177 रुफ टॉप सोलर पावर प्लांट्स स्थापित किये जा चुके हैं।  जबकि 140 प्लांट्स को स्थापित करने का कार्य चल रहा है। अभी तक संचालित प्लांट्स से  708 किलोवाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। 

प्रदेश सरकार ऊर्जा उत्पादन के पारंपरिक स्रोतों के अलावा अपारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन को प्राथमिकता  से लेकर चल रही है। इसके तहत उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण उरेडा के माध्यम से गौर परंपरागत स्रोतों को बढ़ावा देने का कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर  उरेडा सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु विभिन्न योजनाओं को  संचालित कर रहा है। प्रदेश सरकार ने हरित ऊर्जा के विकास और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के मकसद से उत्तराखंड राज्य सौर नीति 2023 लागू की है। गाइडलाइन में संशोधन होने के बाद प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना में 20 जून 2023 के बाद से प्रदेश सरकार प्लांट स्थापना में सब्सिडी देने लगी है। पूर्व में इस योजना में सिर्फ केंद्र सरकार ही सब्सिडी देती थी। 

जिला परियोजना अधिकारी उरेडा राजेश्वरी विश्वकर्मा ने बताया कि सब्सिडी मिलने के बाद योजना के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है। लोग प्लांट लगाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। अब तक 177 लाभार्थियों की छत पर प्लांट्स लगाए जा चुके हैं। इनसे लगभग सात मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। 140 का काम प्रगति पर हैं। इनका संचालन होने के बाद लगभग 13 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। 

उन्होंने बताया कि पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत एक किलोवाट से लेकर 10 किलोवाट तक के ग्रिड कनेक्टेड रुफटॉप पावर प्लांट लगाए जा रहे हैं। एक किलोवाट प्लांट स्थापना में राज्य सरकार 17 हजार रुपये और केंद्र सरकार 33 हजार रुपये अनुदान दे रही है। वहीं दो किलोवाट के प्लांट के लिए राज्य सरकार 34 हजार और केंद्र सरकार 66 हजार रुपये अनुदान दे रही है। जबकि तीन से 10 किलोवाट प्लांट स्थापना के लिए राज्य सरकार से 51 हजार रुपये और केंद्र सरकार से 85 हजार रुपये अनुदान मिल रहा है। उन्होंने बताया कि प्लांट से उत्पादित बिजली सीधे ग्रिड में चली जाएगी।  यदि लाभार्थी के घर बिजली की खपत प्लांट से उत्पादित बिजली से  कम होती है, तो अतिरिक्त यूनिट उसके खातें में जुड़ती जाएंगी। यदि किसी माह बिजली खपत ज्यादा होती है, तो अतिरिक्त यूनिट उस माह एडजस्ट हो जाएंगी।

  श्रीनगर निवासी भागवत पांडेय ने बताया उन्होंने तीन किलोवाट का प्लांट लगाया है। उन्होंने किफायती दरों पर प्लांट लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया  है।

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