उत्तराखण्ड

Ravish Kumar : वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार का NDTV से इस्‍तीफा, अडानी की एंट्री के बाद तीसरा बड़ा इस्‍तीफा

Ravish Kumar news in hindi: एनडीटीवी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक रवीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। रवीश का इस्तीफ़ा प्रणय रॉय और राधिका रॉय के आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के पद से इस्तीफ़ा देने के एक दिन बाद आया है। ये कंपनी एनडीटीवी की प्रमोटर ग्रुप व्हीकल है। अडानी ग्रुप की ओर से एनडीटीवी के टेकओवर की कोशिशों के बीच रवीश कुमार ने इस्तीफ़ा दिया है।

रवीश कुमार (Ravish Kumar) के कई दिनों से इस्तीफा देने की खबरें थीं। हालांकि बुधवार को उन्होंने आधिकारिक तौर पर मेल भेजकर अपना इस्तीफा दे दिया है। रवीश के जाने की घोषणा करते हुए, चैनल ने एक आंतरिक मेल में कहा, उनका इस्तीफा तत्काल रूप से प्रभावी है। यानी अब रवीश एनडीटीवी के लिए शो करते नजर नहीं आएंगे।

रवीश (Ravish Kumar) के इस्तीफे के बाद NDTV ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह ने कहा, ”रवीश जितना लोगों को प्रभावित करने वाले कुछ ही पत्रकार हैं। यह उनके बारे में लोगों की प्रतिक्रिया में दिखता है।” सुपर्णा ने कहा कि रवीश दशकों से एनडीटीवी का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं। उनका योगदान बहुत अधिक रहा है, और हम जानते हैं कि वह अपनी नई पारी में भी बेहद सफल होंगे।

दरअसल, अडाणी समूह अब इस समाचार चैनल के अधिग्रहण के करीब पहुंच चुका है। इस घटनाक्रम के बीच रॉय दंपति ने आरआरपीआर होल्डिंग के निदेशक पद से इस्तीफा दिया है। उल्लेखनीय है कि अडाणी समूह ने आरआरपीआर का अधिग्रहण कर लिया था। आरआरपीआर के पास एनडीटीवी की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हालांकि, रॉय दंपति के पास प्रवर्तक के रूप में एनडीटीवी में अब भी 32.26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और उन्होंने समाचार चैनल के निदेशक मंडल से इस्तीफा नहीं दिया है। प्रणय रॉय एनडीटीवी के चेयरपर्सन और राधिका रॉय कार्यकारी निदेशक हैं। एनडीटीवी ने मंगलवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि, प्रणय और राधिका रॉय ने आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (आरआरपीआरएच) के निदेशक मंडल से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है।

रॉय दंपति ने 2009 में रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ी एक कंपनी से 400 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त कर्ज लिया था। यह कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) थी। इस कर्ज के बदले वीसीपीएल को वॉरंट को आरआरपीआर होल्डिंग्स के शेयर में बदलने का अधिकार मिल गया था। आरआरपीआर होल्डिंग्स के पास एनडीटीवी की 29.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

अडाणी समूह ने अगस्त में वीसीपीएल को ही खरीद लिया था और उसने वॉरंट को शेयरों में बदलने की बात रखी थी। एनडीटीवी के प्रवर्तकों ने शुरुआत में इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि उनके साथ इस पर बातचीत नहीं हुई है। लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में उन्होंने इसकी अनुमति दे दी। इससे वीसीपीएल के पास आरआरपीआर होल्डिंग की 99.5 प्रतिशत हिस्सेदारी आ गई।

आरआरपीआर (राधिका रॉय प्रणय रॉय होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड) अभी तक प्रवर्तक इकाई है। इसकी समाचार चैनल में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है। प्रणय रॉय के पास एनडीटीवी की 15.94 प्रतिशत और राधिका रॉय के पास 16.32 प्रतिशत (कुल 32.26 प्रतिशत) हिस्सेदारी है।

वीसीपीएल के अधिग्रहण के बाद अडाणी समूह द्वारा एनडीटीवी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए खुली पेशकश लाई गई है। यह पेशकश 22 नवंबर को खुली है और पांच दिसंबर को बंद होगी। अभी तक इस पेशकश को कुल आकार पर 53.27 लाख या एक-तिहाई शेयरों का प्रस्ताव मिला है। हालांकि, खुली पेशकश में शेयर का मूल्य एनडीटीवी के शेयर के मौजूदा भाव से काफी कम है।

Ravish Kumar: कौन हैं रवीश कुमार ?

रवीश कुमार (Ravish Kumar) एनडीटीवी समाचार नेटवर्क के हिंदी समाचार चैनल ‘एनडीटीवी इंडिया’ के संपादक रहे। वह एनडीटीवी इंडिया के सबसे पॉपुलर चेहरों में से एक थे। रवीश अक्सर एनडीटीवी में अपने सत्ता विरोधी स्टैंड के लिए चर्चा में रहते थे। अपनी रिपोर्टों में वह देश में बेरोज़गारी, शिक्षा और सांप्रदायिकता के सवाल उठाते रहे।

एनडीटीवी (हिंदी) के जाने-माने चेहरे रवीश कुमार (Ravish Kumar) ने अपने कार्यकाल के दौरान कई कार्यक्रमों को होस्ट किया, वह चैनल के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे ‘हम लोग’ और ‘रवीश की रिपोर्ट’ के होस्ट रहे। ये दोनों कार्यक्रम काफ़ी लोकप्रिय रहे हैं। रवीश कुमार का प्राइम टाइम शो ‘देस की बात’ भी काफी लोकप्रिय कार्यक्रम रहा है।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने 2016 में उन्हें अपनी ‘100 सबसे प्रभावशाली भारतीयों’ की सूची में भी शामिल किया था। रवीश कुमार को दो बार पत्रकारिता में योगदान के लिए रामनाथ गोयनका उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। रवीश कुमार (Ravish Kumar) को साल 2019 में प्रतिष्ठित ‘रेमन मैग्सेसे सम्मान’ दिया गया था। यह सम्मान एशिया में साहसिक और परिवर्तनकारी नेतृत्व के लिए दिया जाता है।

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