उत्तराखंड: सामूहिक दुष्कर्म मामले में मुख्य आरोपी गिरफ्तार, महिला आयोग ने लिया था स्वतः संज्ञान
ऋषिकेश: नशामुक्ति केंद्र में युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामले में युवती ने कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसके साथ दुष्कर्म करने की शिकायत पुलिस से की थी। वहीं उतराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून और जिलाधिकारी हरिद्वार को पत्र प्रेषित किया था।
मामले के अनुसार, 30 जुलाई 2022 को वादिनी पूजा (काल्पनिक नाम) ने कोतवाली ऋषिकेश में एक लिखित तहरीर दी कि, हनी उर्फ प्रभजीत और उसके दो अन्य मित्रों ने नशा मुक्ति केंद्र चलाने वाली रितिका तवर के साथ मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि, कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और विरोध करने पर गाली गलौज व मारपीट की गई। वहीं जान से मारने की धमकी भी दी गई।
इस लिखित तहरीर के आधार पर कोतवाली हाजा पर मुकदमा अपराध संख्या- 412/22 धारा- 376 328 506 120B अभियोग पंजीकृत कर विवेचना शुरू की गई। आज बुधवार को मामले में अभियुक्त प्रभजीत सिंह उर्फ हनी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, पीड़िता का भी मेडिकल करवाया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्त प्रभजीत सिंह उर्फ हनी पुत्र स्वर्गीय भगवान सिंह, मकतुलपुरी, रुड़की थाना गंग नहर जनपद हरिद्वार का रहने वाला है।
वहीं घटना के प्रकाश में आने के तत्काल बाद उतराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी, देहरादून व जिलाधिकारी, हरिद्वार को पत्र प्रेषित किया है कि, आरोपीगण हन्नी शर्मा व साथी रीतिका शर्मा निवासी दिल्ली, दोनों मिलकर नशा मुक्ति केन्द्र हैवन फॉर एंजल्स, आवास विकास, ऋषिकेश में संचालित कर रहे थे। जहाँ रुड़की निवासी किशोरी के रेप का मामला सामने आया है। उन्होंने लिखा कि घटना की सूचना मिलने के उपरान्त मेरे द्वारा प्रकरण की जाँच हेतु थानाध्यक्ष, ऋषिकेश से दूरभाष पर वार्ता की गयी। उन्होंने यह बताया कि दोनों आरोपीगण ने ऋषिकेश से नशा मुक्ति केन्द्र को बन्द करके हरिद्वार में स्थानान्तरित कर दिया है। घटना के सम्बन्ध में पुलिस उपमहानिरीक्षक (अपराध एवं कानून ) , देहरादून से भी आयोग अध्यक्षा कण्डवाल जी की वार्ता हुई। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि, महिलाओं एवं किशोरियों के साथ इस तरह का उत्पीड़न शर्मनाक है। पत्र में अध्यक्ष ने तत्काल उक्त पीड़िता के साथ उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क करते हुए एवं प्रकरण पर निम्न बिन्दुवार जाँच / कार्यवाही करते हुए आयोग को शीघ्र अवगत करवाने को निर्देशित किया।
उन्होंने सवाल किए कि, नशा मुक्ति केन्द्र महिलाओं हेतु संचालित होने के उपरान्त भी पुरूषों का प्रवेश वर्जित क्यों नहीं था ? नशा मुक्ति केन्द्र का रजिस्ट्रेशन है या नहीं, यदि है , तो कहां का है ? नशा मुक्ति केन्द्र में उपचार हेतु चिकित्सक कौन व कहां से था ? नशा मुक्ति केन्द्र हरिद्वार में किस स्थान पर संचालित है ?