उत्तराखंड: डॉक्टर DM कहें या DM डॉक्टर, हर छुट्टी पर पहुंच जाते हैं अस्पताल, पढ़ें ख़ास खबर
खास खबर: पहाड़ समाचार
टिहरी: जिलों की जिम्मेदारी DM पर होती है। DM जिले के सर्वोच्च अधिकारी होता है। इस लिहाज से यह उनकी जिम्मेदारी होती है कि जिले में सभी तरह की व्यवस्थाएं सही ढंग से संचालित हों। खासकर मूलभूत सुविधाएं लोगों को आसानी से मिली सकें। इनको डॉक्टर डीएम कहो या फिर डीएम डॉक्टर।
कई अधिकारी अपने प्रशासनिक कार्यों के अलावा भी सामाज में कुछ ऐसे कार्य करते हैं, जिनके लिए उनको लोग याद करते हैं। उनको पहचानते हैं। यह पहचान केवल उनके उस जिले में तैनात के दौरान ही नहीं रहती, बल्कि उस जिले से जाने के बाद भी लोग उनके अच्छे कार्यों को याद करते हैं।
कुछ ऐसा ही काम टिहरी जिले के DM भी कर रहे हैं। वो अपने प्रशासनिक कार्यों के अलावा अपने खास काम की वजह से भी चर्चाओं में है। जहां आमतौर पर अधिकारी अपने कार्यों के अलावा अन्य कामों से दूरी बनाते हैं। अफरशाही की धौंस जमाते हैं। वहीं, टिहरी जिले के जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार प्रशासनिक सेवा के साथ ही अस्पताल में भी सवाएं दे रहे हैं।
DM डॉ. सौरभ गहरवार प्रशासनित सेवा में आने से पहले रेडियोलॉजिस्ट हैं। ऐसे में वो अपने इस हुनर से भी लोगों की मदद कर रहे हैं। जिलाधिकारी डॉ. सौरभ प्रत्येक रविवार की छुट्टी के दिन वह बौराड़ी जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कर अपनी दोहरी भूमिका निभा रहे हैं।
विषम भोगौलिक परिस्थितियों वाले टिहरी जिले के लोगों को इससे… बड़ी राहत मिल रही है। DM डॉ. सौरभ गहरवार रेडियोलॉजी में एमडी हैं। उनका मानना है कि उनकी कोशिश है कि जहां-जहां अल्ट्रासाउंड मशीनें हैं, वहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध करायी जा सके। बौराड़ी जिला अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अमित राय ने कहा कि छुट्टी के दिन जिलाधिकारी की सेवाओं से मरीजों और अस्पताल दोनों को फायदा हो रहा है।