उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: लोग मरते रहे, स्वास्थ्य विभाग सोता रहा, अब टूटी नींद





                           
                       

देहरादून: तीन मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे। तब से लेकर अब तक करीब 12 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है। एक को छोड़कर सभी की मौत हार्ट अटैक से हुई है। इलाज नहीं मिलने के कारण लोगों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। सरकार और स्वास्थ्य विभाग पहले यह दावे करता रहा कि सभी व्यवस्थाएं चाकचौबंद कर ली गई हैं, लेकिन वास्तव में यात्रा मार्गों पर एंबुलेंस तक तैनात नहीं की गई थी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यात्रा रूटों पर खासकर उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग और चमोली जनपदों में तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए राज्य में संचालित 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के अलावा एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (एएलएस) तैनात की गई हैं, जो 108 एम्बुलेंस सेवा के अंतर्गत काम करेंगी। मेडिकल ऑफिसर, फिजिशियन, आर्थाेपेडिशियन, फार्मासिस्ट और पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती चार धाम यात्रा मार्र्गां के चिकित्सा इकाईयों में कर दी गई है।

महानिदेशक स्वास्थ्य को चारधाम यात्रा से संबंधित जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों से समन्वय स्थापित कर स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्थाओं की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिये गये हैं। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया की गई हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्गों पर एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (एएलएस) सहित जगह-जगह फर्स्ट मेडिकल रिस्पांस टीम तैनात कर दी गई है।

यात्रा मार्ग पर आठ ब्लड बैंक एवं चार ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित किये गये हैं। डॉ. रावत ने बताया कि जनपद चमोली में श्रीबदरीनाथ, हेमकुंड साहिब व तुंगनाथ आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए तीन एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस तथा तेरह 108 आपताकालीन एम्बुलेंस तैनात की गई है। जबकि गौचर से लेकर श्रीबदरीनाथ धाम तक विभिन्न स्थानों पर 19 अस्थाई मेडिकल यूनिट खोली गई हैं, जिनमें चिकित्सक, फार्मासिस्ट, स्टॉफ व वार्ड व्वाय सहित चार सदस्य तैनात किये गये हैं। प्रत्येक यूनिट में ईसीजी मशीन, पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ जरूरी जीवनरक्षक दवाईयां उपलब्ध कराई गई है।

चमोली में वर्तमान में कुल 75 चिकित्सक यात्रा रूट पर तैनात किये गये हैं। इसी प्रकार उत्तरकाशी जनपद में यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम में यात्रियों के लिए पांच एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस एवं चौदह 108 आपातकालीन एम्बुलेंस तैनात की गई हैं। डॉ. रावत ने बताया कि डामटा से लेकर यमुनोत्री धाम तक 11 स्थाई व 1 अस्थाई चिकित्सा इकाईयां हैं, जिनमें चिकित्सकों, फर्मासिस्टों एवं वार्ड व्वॉयों को तैनात किया गया है। सभी चिकित्सा इकाईयों में ईसीजी मशीन, कार्डिक मॉनिटर, डिफेब्रिलेटर सहित सभी दवाईयां उपलब्ध हैं।

इसके अलावा जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम तक पैदल मार्ग पर प्रत्येक एक किलोमीटर पर पांच फर्स्ट मेडिकल रिस्पांस टीम (एफएमआर) तैनात की गई है, जिनकी संख्या में वृद्धि की जायेगी। ऐसे ही ब्रह्माखाल से लेकर गंगोत्री धाम तक दस स्थाई चिकित्सा इकाईयां उपलब्ध है। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर तीन फर्स्ट मेडिकल रिस्पांस टीम भी तैनात है।

तीर्थ यात्रियों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हर्षिल में आईसीयू की सुविधा उपलब्ध की गई है जबकि जानकीचट्टी में कार्डिक एम्बुलेंस की तैनाती कर दी गई हैं। रूद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आठ स्थाई चिकित्सा इकाईयों एवं 14 अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्टों पर सभी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं सहित पर्याप्त एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर तीर्थ यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्क्तें न हो इसके लिए स्वास्थ्य महानिदेशक को स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की लगातार मॉनिटरिंग करने को कहा गया है।

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