उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: एसडीएम पर गिरी गाज, भाजपा विधायक के खिलाफ दी थी तहरीर

उत्तरकाशी: भाजपा विधायक के खिलाफ थाने में तहरीर देना एसडीएम को भारी पड़ गया है. पुरोला के उपजिलाधिकारी (SDM) सोहन सिंह सैनी ने पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल से अपनी जान का खतरा सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे. विवाद बढ़ने पर शासन ने रविवार का दिन होने के बावजूद एसडीएम को कमिश्नर गढ़वाल ऑफिस अटैच के आदेश किए. इस संबंध में अनुसचिव हनुमंत प्रसाद तिवारी ने आदेश जारी किया है.

गौरतलब है कि, गत 21 मई को पुरोला में अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर पुरोला विधायक और उपजिलाधिकारी के बीच विवाद शुरू हुआ. विवाद इतना बढ़ा की एसडीएम सैनी ने सत्ताधारी पार्टी के विधायक दुर्गेश्वर लाल के विरुद्ध गत शनिवार को पुरोला थाने में तहरीर दे दी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल से उन्हें जानमाल का खतरा है और विधायक उनके विरुद्ध लगातार साजिश रच रहे हैं. एसडीएम ने विधायक पर जान से मारने की धमकी देने, छवि धूमिल करने, एससी, एसटी ऐक्ट में केस दर्ज कराने की धमकी देने का आरोप लगाया. साथ ही पुरोला बाजार में भी अभद्रता करने और समर्थकों के सोशल मीडिया पर छवि खराब करने का आरोप लगाया.

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वहीं उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी की तहरीर पर दो दिन बाद भी पुरोला थाना पुलिस ने प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की. एसडीएम सैनी ने कहा कि अगर पुलिस उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं करती है तो वह न्यायालय की शरण में जाएंगे.  वहीं पुलिस ने कहा कि तहरीर की जांच की जा रही है. जांच में अगर आरोप सही पाए गए तो आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

इधर रविवार को इस मामले गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने पुरोला के एसडीएम सोहन सिंह सैनी को उत्तरकाशी बुलाया और पूरे मामले में उपजिलाधिकारी का पक्ष भी जाना. विधायक, एसडीएम के बीच का ये विवाद शनिवार और रविवार को सोशल मीडिया पर छाया रहा. वहीं इस घटना को गंभीरता से लेते हुए शासन स्तर से डैमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू हुए. दोपहर बाद कार्मिक विभाग की ओर से एसडीएम को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए. उन्हें किसी नई तहसील की जिम्मेदारी देने की बजाय सीधे कमिश्नर गढ़वाल कार्यालय पौड़ी से अटैच किया गया. एसडीएम का वेतन अब कमिश्नर पौड़ी कार्यालय से ही जारी होगा.

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मामले में पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि, एसडीएम सरकारी वाहन और अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं. साथ ही उन पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाए कि उपजिलाधिकारी का जनता के साथ उनका अच्छा रवैया नहीं है. जन शिकायत पर उन्होंने उपजिलाधिकारी को समझाने की कोशिश की, लेकिन उपजिलाधिकारी बदले की भावना से काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री से भी उन्होंने इस मामले की शिकायत की थी.

 

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