उत्तराखंड

उत्तराखंड : बारात में नहीं ले गया दोस्त तो थमा दिया 50 लाख मानहानि का नोटिस





                           
                       

हरिद्वार : शादी का लड्डू जो खाए वह भी पछताए, जो न खाए वह भी पछताए। यह कहावत आमतौर पर प्रचलित है। लेकिन, हरिद्वार में एक ऐसा मामला है, जिसने सभी को चौंका दिया।  यहां एक युवक ने शादी में अपने दोस्त को बुलाया, लेकिन उसे बारात में नहीं ले गया।

बारात में नहीं ले जाने को लेकर दोस्त इतना नाराज हुआ कि उसने ₹50,00000 की मानहानि का नोटिस अपने दोस्त को थमा दिया। अब दोस्त को समझ नहीं आ रहा है कि वो क्या करे। तीन दिन की मोहलत दी गई। शर्त है कि या तो वो सार्वजनिक माफी मांगे या फिर 50 लाख रुपये।

ऐसा ही एक मामला हरिद्वार के बहादराबाद ब्लाक में सामने आया है। जहां एक दोस्त को शादी का कार्ड देकर उसे बारात में ना ले जाने से दोस्त इतना खफा हो गया कि उसने दुल्हे को 50 लाख का नोटिस भेज दिया।

जानकारी के मुताबिक रवि निवासी आराध्या कॉलोनी बहादराबाद की धामपुर जिला बिजनौर निवासी अंजू से 23 जून 2022 में होनी तय हुई थी। जिसमें चंद्रशेखर निवासी देवनगर कनखल, हरिद्वार को भी बुलाया गया। रवि और चंद्रशेखर जो बहुत गहरे दोस्त हैं।

रवि ने अपने दोस्त चंद्रशेखर को एक लिस्ट बनाकर दी कि वह शादी के कार्ड उन लोगों को बटेगा, ताकि वह लोग रवि की शादी में जाने के लिए धामपुर, जिला बिजनौर यूपी के लिए रवाना होंगे। रवि के कहने पर चंद्रशेखर ने दोस्त की शादी के कार्ड बताए गए लोगों को बांटे और यह आग्रह किया कि आपको 23 जून की शाम शादी के लिए चलना है। सभी लोग चंद्रशेखर के साथ रवि के घर पहुंच गए।

जब वे वहां पहुंचे तो पता चला की बारात तो जा चुकी है। चंद्रशेखर ने रवि से जानकारी ली तो रवि ने बताया कि हम लोग जा चुके हैं। साथ यह भी कहा कि आप लोग वापस चले जाओ। जिस पर चंद्रशेखर के कहने पर शादी में जाने के लिए आए लोग लौट गए। उनको अपमान महसूस हुआ।

चंद्रशेखर को लोगों ने बुरा-भला कहा। दोस्तों ने कहा कि जानबूझकर रवि ने चंद्रशेखर की मानहानि की है। चंद्रशेखर ने रवि को फोन पर भी उसका और लोगों के अपमान के बारे बताया, लेकिन उसने कोई खेद प्रकट नहीं किया।

चंद्रशेखर ने अपने वकील अरुण भदौरिया के माध्यम से एक कानूनी नोटिस रवि को भिजवाया है कि 3 दिन के अंदर अंदर मानहानि की बाबत सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करें और की गई मानहानि के बदले  चंद्रशेखर को 50 लाख दे। अगर अनुपालन नहीं किया गया तो सक्षम न्यायालय में वाद दायर किया जाएगा।

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