महंत इंदिरेश अस्पताल पर मरीज की किडनी निकालने का आरोप, पैर के इलाज के लिए आई मरीज की मौत, परिजनों का हंगामा
Shri Mahant Indiresh Hospital Dehradun : उत्तराखंड के प्राइवेट अस्पताल आए दिन चर्चाओं का केंद्र बने रहते हैं, कभी इलाज में लापरवाही तो कभी इलाज के नाम पर लोगों की जेब काटने के नाम पर आए दिन अस्पतालों में बवाल देखे जाते हैं। ताजा मामला राजधानी देहरादून के महंत इंदिरेश अस्पताल का है। जहां अस्पताल पर इलाज के बहाने मरीज की किडनी निकालने का गंभीर आरोप लगा है। उपचार के दौरान इस महिला की मौत हो गई। महिला को एक्सीडेंट के बाद यहां पैर के इलाज के लिए लाया गया था।
Shri Mahant Indiresh Hospital Dehradun में उपचार दौरान मौत
जानकारी के अनुसार, नैनबाग की रहने वाली उषा देवी का एक दुर्घटना में पैर फ्रैक्चर हो गया था, जिसके बाद उषा देवी ने इंदिरेश अस्पताल (Shri Mahant Indiresh Hospital Dehradun) में करीब एक महीने तक इलाज करवाया। इलाज पूरा होने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया, हालांकि पैर में काफी ज्यादा घाव होने के कारण उसकी सर्जरी किए जाने की बात डॉक्टरों ने कही। कुछ दिनों बाद यही सर्जरी कराने के लिए उषा देवी महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती होने के लिए पहुंची। लेकिन सर्जरी के दौरान कुछ समय बाद ही चिकित्सकों ने उषा देवी की मौत होने की जानकारी परिजनों को दी।
वहीं इसके बाद परिजनों को जब उषा देवी का शव दिया गया तो परिवार हक्का- बक्का रह गया। पैर के इलाज के लिए आई उषा देवी के शरीर पर लंबे चीरे के निशान मौजूद थे। यह देखते ही परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। अस्पताल (Shri Mahant Indiresh Hospital Dehradun) पर महिला के ऑर्गन से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। परिजनों का आरोप था कि, जो महिला खुद अस्पताल ठीक-ठाक पहुंची थी उसके शरीर पर इतने लंबे चीरे लगाने का क्या मतलब? परिजनों ने अस्पताल पर किडनी निकाले जाने का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर धरना दिया।
वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर भाजपा और कांग्रेस के विधायक भी पहुंचे, जिन्होंने अस्पताल प्रशासन (Shri Mahant Indiresh Hospital Dehradun) से बातचीत करते हुए मामले की सख्त जांच के निर्देश दिए।
वहीं अस्पताल प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि, महिला के पांव में सर्जरी होनी थी। इसके लिए शरीर से ही मांस निकाला जाना था। इसीलिए शरीर पर यह चीरे लगाए गए हैं। अस्पताल की तरफ से इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई है।