उत्तराखण्ड

सरस मेले में महिला सशक्तिकरण, जेण्डर, घरेलू हिंसा, बाल संरक्षण एवं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ विषयों पर गोष्ठी आयोजित

  • “सरस मेले में देश प्रदेश के 173 स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है प्रतिभाग।”
  • “महिला सशक्तिकरण, जेण्डर, घरेलू हिंसा, बाल संरक्षण एवं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ विषयों पर गोष्ठी आयोजित।”

टिहरी : पूर्णानंद स्टेडियम मुनिकीरेती टिहरी गढ़वाल में आयोजित दस दिवसीय सरस मेला 2025 में जनपद टिहरी सहित देश प्रदेश के 173 समूहों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। इनमें जनपद टिहरी गढ़वाल सहित उत्तराखंड के अन्य सभी जनपदों के कुल 128 समूहों तथा अन्य राज्यों यथा पंजाब, उड़ीसा, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, यूपी, गुजरात, तमिलनाडु, केरल, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़ सहित कुल 45 समूह शामिल हैं।

सरस मेला 2025 के छठवें दिन आज शनिवार को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी टिहरी गढ़वाल वरुणा अग्रवाल द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी में पढ़ रहे छोटे बच्चों के द्वारा बेबी शो एवं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा उत्तराखंडी परिधान की प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसके बाद बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के द्वारा बेटी को पढ़ाने एवं आगे बढ़ाने का सुन्दर संदेश दिया गया।

मुख्य विकास अधिकारी वरुणा अग्रवाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन योजनाओं का उल्लेख किया, जिनके माध्यम से सरकार  महिलाओं और बालिकाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि “नारी शक्ति वंदन” केवल एक नारा नहीं, बल्कि सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों का एक अभिन्न अंग बन चुका है। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, महालक्ष्मी योजना, वात्सल्य योजना और नंदा गौरा योजना जैसी अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना और बालिका समृद्धि योजना के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही वन स्टॉप सेंटर, नारी शक्ति वंदन अधिनियम, उज्ज्वला योजना और लखपति दीदी योजना जैसी पहलों से मातृशक्ति का सम्मान किया जा रहा है।

सीडीओ वरुणा अग्रवाल ने कहा कि इन पहलों का उद्देश्य केवल महिलाओं और बालिकाओं को आर्थिक सशक्त बनाना नहीं है, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और अवसर प्रदान कर राज्य के विकास में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना भी है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से अपील की कि वह इन सब योजनाओं के बारें में अन्य सभी लोगों को भी जानकारी दें।

इसके साथ ही जेंडर एवं घरेलू हिंसा पर भी गोष्ठी आयोजित की गई। प्रतियोगिता में उत्कर्ष प्रदर्शन करने वाले लाभार्थी को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास संजय गौरव, बाल विकास परियोजना अधिकारी शशि बिष्ट, बाल विकास सुपरवाइजर किरण राणा, निर्मला और सीमा उपस्थित रही। कार्यक्रम का सफल संचालन महेश गुसाईं द्वारा किया गया।

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