उत्तराखण्ड

मेडिकल कॉलेजों के संचालन को बनेगी एसओपीः डॉ धन सिंह रावत

  • सभी चिकित्सकों व कार्मिकों की लगेगी बायोमेट्रिक उपस्थिति

देहरादून : चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिये पृथक से एसओपी बनाई जायेगी। जिसका पालन सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ ही चिकित्सकों भी करना होगा। इसके साथ ही चिकित्सकों से लेकर समस्त कार्मिकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति भी अनिवार्य रूप से लगानी होगी। मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को प्रतिदिन दिये जाने वाले भोजन संबंधी मेन्यू वार्ड के बाहर चस्पा करना होगा। इस व्यवस्था को नये साल से अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिये एसओपी तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकिरयों को दिये। उन्होंने कहा कि एसओपी में चिकित्सकों से लेकर कर्मचारियों के कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन की स्पष्ट रूपरेखा तैयार की जायेगी। जिसका पालन प्रत्येक कार्मिक को अनिवार्य रूप से करना होगा, जो कार्मिक एसओपी के उल्लंघन का दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सकों से लेकर सभी कार्मिकों की बायोमेट्रिक उपस्थित भी अनिवार्य की जायेगी।

कॉलेज में भर्ती मरीजों को प्रतिदिन दिये जाने वाले भोजन का मेन्यू प्रत्येक वार्ड में चस्पा करना होगा। मरीजों को किसी भी प्रकार के संक्रमण से दूर रखने के लिये प्रत्येक दिन भर्ती मरीजों के बेड की चादर बदलनी होगी जिसके सप्ताह में सातों दिन के लिये चादरों का अलग-अलग रंग निर्धारित किया जायेगा। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरूस्त रखने के लिये वार्ड के नर्सिंग इंचार्ज व कालेज के सुपरीटेंडेंट की जिम्मेदारी होगी। अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिलने का समय निर्धारित किया जायेगा विशेष कर आईसीयू व जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलने की इजाजत कर किसी को नहीं दी जोयगी। एक मरीज के साथ एक ही तीमारदार वार्ड के अंदर प्रवेश कर सकेगा। मरीजों को दिये जाने वाले भोजन की भी लगातार मॉनिटिरिंग की जायेगी।

यह नई व्यवस्था सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एक जनवरी 2025 से लागू की जायेगी। इसके लिये सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों के साथ ही निदेशक चिकित्सा शिक्षा को निर्देश दे दिये गये हैं। इसे अलावा मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के रिक्त पदों को भी शीघ्र भरने को कहा गया है साथ आवश्यकतानुसार पैरामेडिकल, टेक्नीशियन व वार्ड ब्वॉय की आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनाती करने को कहा गया है।

बैठक में कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. एम.एल.ब्रह्म भट्ट, अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा नमामि बंसल, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. गीता जैन, प्राचार्य हरिद्वार मेडिकल कॉलेज रंगील सिंह रैना, अपर निदेशक डॉ. आर.एस. बिष्ट, संयुक्त निदेशक डॉ. एम.सी. पंत सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!