उत्तराखंड

उत्तराखंड: पाकिस्तानी हसीना के जाल में फंसा सेना का जवान, कलंकित किया देवभूमि का नाम


उत्तराखंड: पाकिस्तानी हसीना के जाल में फंसा सेना का जवान, कलंकित किया देवभूमि का नाम





                           
                       

रुड़की: उत्तराखंड के लिए झटके बड़ी खबर है। उत्तराखंड के अधिकतर युवा के नाम पर कलंक लगाया है। जीफौज में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं लेकिन एक फौजी ने उत्तराखंड हां बता दें कि रुड़की के कृष्णा नगर का रहने वाला प्रदीप कुमार के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के सम्पर्क मे होने की बात सामने आई है।

मिली जानकारी के अनुसार प्रदीप कुमार भारतीय सेना की संवेदनशील रेजिमेंट जोधपुर में कार्यरत था। भारतीय सेना का जवान प्रदीप कुमार लगातार पाकिस्तनी खुफिया एजेंसी को जानकारी दे रहा था। यह बात सामने आई है कि भारतीय सेना का जवान प्रदीप कुमार सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान खुफिया एजेंसियों को जानकारी दे रहा था । सीआईडी इंटेलिजेंस जयपुर द्वारा सैन्य कर्मी की गतिविधियों पर लगातार निगरानी शुरू की गई जिसके बाद आरोपी को बीते दिन गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी प्रदीप कुमार के खिलाफ महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज हुआ। आपको बता दें कि भारतीय सेना का जवान आरोपी प्रदीप कुमार रुड़की की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र की कृष्ण नगर गली नम्बर 10 का रहने वाला है।

महानिदेशक पुलिस (इन्टेलीजेन्स) उमेश मिश्रा ने बताया कि राजस्थान इन्टैलीजेंस द्वारा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की राजस्थान में की जाने वाली जासूसी गतिविधियों की सतत निगरानी की जाती है। इसी निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि भारतीय सेना की अति संवेदनशील रेजिमेंट जोधपुर में कार्यरत प्रदीप कुमार सोशल मिडिया के माध्यम से पीआईओ (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) से निरन्तर सम्पर्क में है। जिस पर सीआईडी इन्टेलीजेंस जयपुर की ओर से उक्त सैन्यकर्मी की गतिविधियों पर लगातार सतत निगरानी आरम्भ की गई।

निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि प्रदीप कुमार महिला एजेंट से सोशल मिडिया के माध्यम से निरन्तर सम्पर्क में है। सोशल मीडिया के जरिए ही वह सामरिक महत्व की सूचनाएं भी महिला के साथ साझा कर रहा है। इसकी पुष्टि होने के बाद प्रदीप कुमार के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 18 मई को दोपहर के बाद हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई।

संयुक्त पूछताछ केन्द्र जयपुर पर सभी एजेन्सियों की ओर से पूछताछ करने पर 24 वर्षीय आरोपी ने सारी बातें विस्तार से बताई। उसने बताया कि वह मूलतः कृष्णानगर, गली नम्बर 10 पुलिस थाना गंगनहर, जनपद, रूडकी, उतराखण्ड का रहने वाला है। 3 वर्ष पूर्व भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। ट्रेनिंग के बाद आरोपी का पदस्थापन गनर के पद पर हुआ था। इसके बाद से ही आरोपी का पदस्थापन अति संवेदनशील रेजिमेन्ट जोधपुर में हुआ था।

लगभग 6-7 माह पूर्व आरोपी के मोबाइल फोन पर इस महिला का कॉल आया। जिसके पश्चात दोनों वाट्सएप पर चौट और वॉइस कॉल एवं वीडियो कॉल के जरिए आपस में बाते करने लगे। छद्म नाम की महिला ने अपने आप को ग्वालियर मध्यप्रदेश की रहने वाली बताया। साथ ही खुद को बंग्लौर में एमएनएस में पदस्थापित होना बताया। उक्त महिला एजेंट ने आरोपी से दिल्ली आकर मिलने और शादी करने का झांसा देकर आर्मी से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेजो के फोटोग्राफ्स मांगना शुरू किया।

हनीट्रैप में फंसकर जवान ने अपने कार्यालय से सेना से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेज की फोटो चोरी छिपे अपने मोबाईल से खींचकर वाटसएप के माध्यम से महिला एजेट को भेजने लगा। आरोपी के फोन की वास्तविक जांच किए जाने पर में सभी तथ्यों की पुष्टि हुई। जिसके बाद आरोपी के विरूद्ध शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज किया जाकर गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी ने पूछताछ में यह भी बताया है कि उक्त महिला मित्र के कहने पर उसने अपनी खुद की उपयोग में ली जा रही एक सिम के मोबाइल नम्बर और वाटसएप हेतु ओटीपी भी शेयर किए। ऐसा उस महिला ने इसलिए किया ताकि इस भारतीय नम्बर में पाक महिला एजेन्ट अन्य छद्म नाम से उपयोग कर अन्य लोगों तथा आर्मी के जवानों को अपना शिकार बना सके।

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